क्या आप खुशी पांडे की कहानी के बारे मे जानते है जो रात में लखनऊ के चौराहों पर साइकिल में फ्री मे लाइट लगाती है| Khushi Pandey Social Worker है, जो लोगों को साइकिल एक्सीडेंट से बचाने मे अपना योगदान दे रहे है आइए जानते है Khushi Pandey Biography In Hindi के बारे मे-
दोस्तो, आज हम बात करते है लखनऊ शहर के रजनी खंड इलाका की लड़की, जिसकी उम्र 23 साल की है और वह शाम 7 बजते ही अपना एक बैग और एक तकती जिसपे लिखा होता ‘‘साइकिल पर लाइट लगवा लो’’ लेकर लखनऊ के चराहो पर उस तकती को दोनो हाथो में लेकर खड़ी हो जाती है|
लोगो को खुशी पांडे का यह काम बहुत पसंद आया और कितनो ने खुशी पांडे को अपने इस काम को सोशल मीडिया पर डालना को भी कहा जिससे लोग रोड सेफ्टी को लेके जागरूक हो सके और यह लोगो का आइडिया खुशी पांडे को पसंद आया और आज खुशी पांडे अपने इस सामाजिक काम की वजह से इंटरनेट और सोशल मीडिया पर फेमस है|
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Khushi Pandey Social Worker है जो लोगों को साइकिल एक्सीडेंट से बचाने के लिए मुफ़्त मे लोगों के साइकिल पर लाइट (Light) लगाने का काम कर रही है| ये हर एक साइकिल से जाने वाले से कहती है की अपनी साइकिल में लाइट लगवा लो कुछ लोगो को खुशी की बाते समझ आ जाती और वे लगवा लेते और कुछ किसी चीज का प्रचार समझ कर बिना लगवा चले जाते है|
नाम | खुशी पांडे |
उम्र | 23 वर्ष |
Khushi Pandey Instagram | Click Here |
पिता का नाम | श्री बिंदा पांडे |
माता का नाम | नहीं पता |
शहर | लखनऊ |
NGO | सपनों की उड़ान |
पढ़ाई | LAW |
आखिर खुशी पांडे लोगों को साइकिल पर बत्ती क्यों लगाने को कहते है?
खुशी पांडे साइकिल पर बत्ती / लाइट लगाने के पीछे इनके नाना जी श्रीनाथ पांडे जी की दुख भरी कहानी है जिसने खुशी पांडे आज भी वह हादसा को याद आता है तो उनकी आंखे भर आती है । और यह बात है 25 दिसंबर 2020 की रात 9 बजे जब खुशी के नाना जी कपड़े को दुकान का काम निपटा कर अपनी साइकिल से वापस घर जा रहे थे ठंड की वजह से सड़क पर इतना कोहरा आ रहा था की लगभग 50–60 मीटर तक कुछ भी नजर नहीं आ रहा था|.
जैसे ही वे कुछ दूर चले पीछे से किसी कार वाले ने उनकी साइकिल में टक्कर मार दे और नाना जी साइकिल से गिर गए और छाती और सिर में चोट लग गई और ऐसे में उस कार वाले ने वहा से भागने के बजाए नाना जो को हॉस्पिटल ले जाना जरूरी समझा ऐसा करके गाड़ी वाले ने इंसानियत निबहायी पर अफसोस नाना जी बच नहीं पाए|
नाना जी के हादसा के बाद खुशी पांडे को एसाहास हुआ की कोई रोड सेफ्टी के ऊपर काम नही कर रहा है और खुशी पांडे नहीं चाहती ऐसा हादसा किसी और साइकिल वाले के साथ न हो इसलिए खुशी पांडे इसलिए वे अपनी और से पूरी कोसिश कर रही है की हर एक साइकिल वाले की साइकिल में लाइट हो जिससे अंधेरा व कोहरे में में साइकिल दिखाई दे
खुशी पांडे का जीवन परिचय | Khushi Pandey Biography In Hindi
खुशी पांडे (Khushi Pandey) अपने इस सामाजिक कार्य की वजह से इंटरनेट और सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हो रही है खुशी पांडे (Khushi Pandey) लोगो को रोड सेफ्टी के बारे में जागरूक कर रही है और ऐसे में लोग Khushi Pandey Social Worker | Khushi Pandey Biography In Hindi के बारे मे जानने में बहुत उत्सुक हो रहे होंगे|
तो आइए आपको बताते है खुशी पांडे लखनऊ के राजनीखंड इलाका में रहती है और वह करेंट में Law की पढ़ाई कर रही है उनके पिता जी श्री बिंदा पांडे एक बिजनेस मैन है और माता जी एक हाउस वाइफ है खुशी पांडे बहुत ही दयालु और सामाजिक सौभाव की लड़की है अब से 6 साल पहले खुशी पांडे ने एक एनजीओ (NGO) बनाया जिससे गरीब बच्चो को मदद हो सके|
एनजीओ (NGO) ‘‘सपनो की उड़ान’’ में उन्होंने और लड़कियों को सैनिटरी पैड को लेकर ध्यान दिया और उनके परिवार में खुशी पांडे को सामाजिक काम को करने का फुल सपोर्ट होता है जिससे वे अपने पूरा परिवार की लाडली है उनको सब प्यार करते है और अब इस काम साइकिल पर लाइट लाने के काम की बजे से बाहर वाले भी प्यार करते है
आइए जानते है आखिर 450 रूपे की लाइट की कुछ खास बातें।
साइकिल के पीछे लगी ये लाइट में Led Light व Lezar Light दोनो है, इस लाइट में ब्लिकिंग सिस्टम है जिसको घने कोहरे में या घने अंधेरा में चालू करना होता है इस लाइट में सेल लगे है जिसको चार्ज किया जा सकता है|
Khushi Pandey कहाँ से Funding करती है?
- खुशी पांडे के इस काम से बहुत लोगो खुश है और वे खुशी को सपोर्ट करते है और फंडिंग में खुशी की मदद करते है|
- दूसरा फंडिंग के लिए वे खुद भी 2 कंपनी मे काम करके पैसे / सैलरी लेती है|
- खाली समय में बच्चो को पढ़ा कर और एक्स्ट्रा इनकम करती है|
जिससे वे अपने रोड सेफ्टीके लिए साइकिल में लाइट लगाने वालो काम को आगे बढ़ा सके
खुशी पांडे के कुछ शब्द साइकिल,रिक्शा वालो के लिए?
खुशी पांडे ने एक प्रेस इंटरव्यू में कहा की जो लोग खुद से ये साइकिल के पीछे लाइट खुद लगवा सकते है तो करपिया लगवा ले और खुशी पांडे के इस प्रोजेक्ट को बढ़ावा दे अन्यथा जो लोग नही लगवा सकते उनके लिए खुशी पांडे शाम 7 बजे लखनऊ में किसी न किसी चराहों पर मिल जाएगी और खुशी पांडे लगा देगी।
खुशी पांडे के कुछ शब्द गाड़ी, कार वालो के लिए?
खुशी पांडे ने इसी प्रेस इंटरव्यू में कहा की जो लोग के पास कार है वे मेहरबानी करके धीरे चालाइए और बड़े ही ध्यान से गाड़ी को सड़क पर चलाया और साइकिल वालो को या किसी भी सड़क यात्री को बचा कर चलाया|
निष्कर्ष
आज के इस लेख मे आप सब ने जाना की कौन है Khushi Pandey Social Worker और Khushi Pandey Biography In Hindi के बारे मे पूरी जानकारी प्राप्त किया है उम्मीद करते है खुशी पांडे का जीवन परिचय के कहानी से आपको कुछ सीखने को मिला है| इसे अपने सभी दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे और उन्हे भी खुशी पांडे के कहानी के बारे मे बताए|
आदमी में इंसानियत जन्मती है तो समझें.. ईश्वरीयता उसके समीप आ रही है..। उत्कृष्ट कृत्य सराहनीय है एवं मंगलकारी हो..